बाल पहेलियां
बाल पहेलियां
1
बातों से करता है वार,
मानी है कब उसने हार।
करता है वो खूब अपील,
रखता अपने संग दलील।
2
आदि कटकर गले तक जाऊं,
हर मानव की शान बढ़ाऊं।
इक दूजे में बैर करा दूं,
जिसके रिश्तों में पड़ जाऊं।
3
सर्दी हो तो बाहर आती,
गर्मी में अंदर छुप जाती।
बनती सबका खूब सहारा,
सर्दी जब भी हाड़ कंपाती।
4
कबिरा इसके गुण बतलाए,
नारी धारण कर इठलाए।
हद से ज्यादा जो भी पाता,
मानस फिर वह बौरा जाता।
5
आदि कटे तो प्यास बुझाऊं,
अंत कटे तो काज कराऊं।
सुन लो बच्चों, एक इशारा,
सबकी आंखों में बस जाऊं।
— उत्तर —
1.वकील, 2. टाई, 3. रजाई, 4. सोना, 5. काजल।