जय श्री राम
अहो भाग्य अपने जो प्रभु से मिलेंगे
चरण वंदना भाव से हम करेंगे
नहीं भेंट देने को है पास कुछ भी
उन्हें तो स्वयं को ही हम सौंप देंगे
गले से हमें राम जी ने लगाया
बहुत प्यार से पास अपने बिठाया
भिगोते रहे हम चरण राम जी के
नयन नीर आंखों ने इतना बहाया
त्याग द्वेष को, प्रीत बढ़ाओ,जपते रहो राम का नाम
भक्ति भाव के बस भूखे हैं, और नहीं कुछ चाहें राम
क्या पाओगे क्या खो दोगे,इस सबकी चिंता को छोड़
पूर्ण समर्पण और लगन से, कर्म करो सारे निष्काम
यहाँ जन्मे हमारे राम पावन है अयोध्या धाम
बसा है इसके कण कण में ,हमारे राम जी का नाम
सफल हो जाएगा जीवन करो श्री राम के दर्शन
करेंगे राम भव से पार बोलो राम जय जय राम
13.11.2025
डॉ अर्चना गुप्ता