ईश्वरीय वरदान हैं श्वेतिमा माधव प्रिया — बाल व्यास की दिव्यता ने सबको किया अभिभूत”
“ईश्वरीय वरदान हैं श्वेतिमा माधव प्रिया — बाल व्यास की दिव्यता ने सबको किया अभिभूत”
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार समन्वय समिति ने किया सम्मान
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश चंद्र शुक्ला बोले— “इतनी अल्पायु में श्रीमद्भागवत का सारगर्भित वाचन असाधारण प्रतिभा का प्रतीक”
रुद्रपुर (देवरिया)।
समुदा रुद्रपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पर उस समय श्रद्धा और गर्व का अद्भुत संगम देखने को मिला जब भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश चंद्र शुक्ला ने अपने संगठन के पदाधिकारियों के साथ विश्व की सबसे कम आयु की अंतरराष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया का सम्मान किया।
डॉ. शुक्ला ने उन्हें अंगवस्त्र, सम्मान पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए कहा—
“इतनी कोमल आयु में श्रीमद्भागवत महापुराण का सारगर्भित व्याख्यान करना किसी सामान्य बुद्धि का नहीं, यह ईश्वरीय वरदान का प्रतीक है। श्वेतिमा जैसी बाल प्रतिभाएँ भारत की सनातन संस्कृति और वैदिक परंपरा की जीवंत दूत हैं।”
कथा मंच पर उपस्थित श्रद्धालु इस दृश्य के साक्षी बने, जब बाल व्यास के सम्मान में पूरा पंडाल “जय श्री राधे कृष्ण” के जयघोष से गूंज उठा।
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✨ श्वेतिमा माधव प्रिया: नन्हीं उम्र में अध्यात्म की विश्वदूत
मात्र आठ वर्ष नौ माह की अल्पायु में श्वेतिमा माधव प्रिया अब तक पच्चीस श्रीमद्भागवत कथाएँ देश-विदेश में सुना चुकी हैं। उन्हें विश्व की सबसे कम आयु की अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका के रूप में पहचान मिली है।
गोरखपुर जनपद के भस्मा गांव में जन्मी श्वेतिमा, धरा धाम सर्वधर्म सद्भाव विश्व पीठ के संस्थापक सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पांडेय और देहदानी डॉ. रागिनी पांडेय की सुपुत्री हैं। बचपन से ही वे भक्ति, संस्कार और ज्ञान की अनोखी त्रिवेणी में पली-बढ़ीं।
श्वेतिमा महज चार वर्ष की आयु से धार्मिक संस्कारों के साथ वेद-पुराणों का अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने श्रीमद्भागवत कथा के साथ-साथ गीता सार, शिव महिमा, बाल संस्कार और भक्ति गीतों के माध्यम से हजारों लोगों को धर्म, संयम और सद्भाव का संदेश दिया है।
उनकी कथा शैली में भक्ति के साथ भावनाओं की ऐसी सहजता है कि वयोवृद्ध श्रोतागण भी उनके मुखारविंद से कथा सुनकर द्रवित हो उठते हैं।
-सम्मान समारोह में गूंजे जयघोष
इस अवसर पर धरा धाम सर्वधर्म सद्भाव विश्व पीठ के प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पांडेय ने कहा—
“श्वेतिमा बाल अध्यात्म जगत का स्वर्ण युग आरंभ करने जा रही हैं। उनका जीवन यह सिद्ध करता है कि जब संस्कार और श्रद्धा साथ हों, तो उम्र नहीं, साधना बोलती है।”
कार्यक्रम में मुख्य यजमान प्रभुनाथ पांडेय, संगम तिवारी, अनिल पांडेय, शिव बिहारी तिवारी, राम किशुन प्रजापति, सोनू तिवारी, आचार्य गौरव शुक्ला, आचार्य विशाल शुक्ला सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य उपस्थित रहे।