प्रबोधिनी (देव उठनी) एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ
प्रबोधिनी (देव उठनी) एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ
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चार मास बीते विभो! उठिये श्री उर केतु।
उठिये हरि नीरज नयन, जग मंगल के हेतु।
शेष शयन को छोड़कर, छोड़ बली का द्वार।
माँ वृन्दा से व्याह कर, सुखी करो संसार।।
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अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’