*छठी(षष्ठी)पर्व*
छठी(षष्ठी)पर्व
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अस्त वा उदित भाई सूर्यदेव को जो अर्घ्य-
दान से अभीष्ट वर सर्व सिद्धिदायिनी हैं।
आत्मजा विरंच की हैं कात्यायनी देवि रूप,
षड् मुख की जो नित्य शक्ति अनपायिनी हैं।
स्वामी कार्तिकेय की हैं भार्या देवसेना माता,
षष्ठी नाम से प्रसिद्ध पुत्र वरदायिनी हैं।
व्रत उपवास पूजा-पाठ से संतुष्ट सदा,
छठी को प्रणाम जो कि मंगल प्रदायिनी हैं।
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अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’