वो जब भी दर्पण घुमाये अपना
वो जब भी दर्पण घुमाये अपना
अश्लील पुष्प अश्लील सपना
यही तो विडम्बना है भारी
वो नग्न चश्मा धारी
जज्बात मचल जाते है कभी
हालात संभल न पाते कभी
मंजिल खोजने जाता है
ध्यान विश्व में पाता है
@Jk s
वो जब भी दर्पण घुमाये अपना
अश्लील पुष्प अश्लील सपना
यही तो विडम्बना है भारी
वो नग्न चश्मा धारी
जज्बात मचल जाते है कभी
हालात संभल न पाते कभी
मंजिल खोजने जाता है
ध्यान विश्व में पाता है
@Jk s