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24 Oct 2025 · 1 min read

वो जब भी दर्पण घुमाये अपना

वो जब भी दर्पण घुमाये अपना
अश्लील पुष्प अश्लील सपना
यही तो विडम्बना है भारी
वो नग्न चश्मा धारी

जज्बात मचल जाते है कभी
हालात संभल न पाते कभी

मंजिल खोजने जाता है
ध्यान विश्व में पाता है

@Jk s

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