मुक्तक:- जिंदगी
मुक्तक:- जिंदगी
कौन सी राह पर मैं भला जाऊँगा।
क्या पता कब कहाँ मैं छला जाऊँगा।
जिंदगी का कहीं कुछ भरोसा नहीं।
मौन होकर जहाँ से चला जाऊँगा॥
©दिनेश कुशभुवनपुरी
मुक्तक:- जिंदगी
कौन सी राह पर मैं भला जाऊँगा।
क्या पता कब कहाँ मैं छला जाऊँगा।
जिंदगी का कहीं कुछ भरोसा नहीं।
मौन होकर जहाँ से चला जाऊँगा॥
©दिनेश कुशभुवनपुरी