माँ
कितनी सुंदर ; कितनी प्यारी
होती है मां हमारी ,
करती है सदैव हम सबको प्यार ,
जीवन से हटाती दुखों का पहाड़ ,
देती है हमें खुशियां और ढेर सारा प्यार ,
कितनी सुंदर ; कितनी प्यारी
होती है मां हमारी ।
हर मुश्किल में हमारा साथ निभाती ,
हर कदम पर हमारे धैर्य को बढ़ाती ,
हम सबके जीवन में खुशियां लाती ,
सच और झूठ में फर्क करना सिखाती ,
कितनी सुंदर ; कितनी प्यारी
होती है मां हमारी ।
बसंत की तरह हम सबके जीवन में आती ,
पतझड़ को भगा हरियाली लाती ,
जीवन के अंधकार को मिटा कर जाती ,
हम सब का भविष्य संवार कर जाती ,
कितनी सुंदर ; कितनी प्यारी
होती है मां हमारी ।
दुनिया की अनमोल रत्न है वह ,
घर को स्वर्ग बनाने की करती प्रयत्न है वह ,
करती हमारे सपनों को साकार ,
हम सब भी करते हैं उससे बहुत ही प्यार ,
बनाती अपने बच्चों को वीर – जवान,
करती है वही जो लेती ठान ,
कितनी सुंदर ; कितनी प्यारी
होती है मां हमारी ।
मौलिक एवं स्वरचित
— स्तुति कुमारी