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15 Oct 2025 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
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मीत अपने बनाओ, खुशी के लिए।
तार दिल के मिलाओ, उसी के लिए।
यह ‘राज’ छाया अंधेरा, मिटेगा तभी।
दीप मिलकर जलाओ, खुशी के लिए।।
~ राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)

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