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10 Oct 2025 · 1 min read

माँ का पाठशाला

हम हैं माँ का मीठा सपना
श्याम सलोना घर का मूरत
घर आँगन का एक मैं सूरत
माँ में है परमात्मा का वास
माँ पिता का मुझे है सहारा
मैं हूँ इनके आँखो का तारा
जीना सीखा माँ ऑचल में
ज्ञान मिला माँ के वट छाया
मैं हूँ माँ के प्राणों से आया
जीवन का मैं एक अरमान
दुःख को लेकर सुख देती
माले मनकों पिरो रखती
जगत में पहली शिक्षा देती
दया धर्म का पाठ पठाती
विद्या ज्ञान की ज्योत जलाती
मूरत सूरत निखारती माँ
सबसे बड़ी विद्याशाला माँ
हे !नन्हें प्यारे प्यारे जन मन
मां से कभी ना करना अनमन ॥
*********
टी .पी .तरुण’

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