'अच्छी बातें' किसी भी जाति व धर्म का हो,
‘अच्छी बातें’ किसी भी जाति व धर्म का हो,
स्वीकार्य होना चाहिए।
‘सच्ची बातें’ किसी भी जाति व धर्म का हो,
स्वीकार्य होना चाहिए।
किंतु कथित बात बताने वाले का बातों पर अधिकार होना चाहिए।
तब ऐसी बातें बताने वाले का, सदा आदर व सत्कार होना चाहिए।