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26 Sep 2025 · 1 min read

वो कहते हैं कि हमारी बदौलत ख़ास हो गये,

वो कहते हैं कि हमारी बदौलत ख़ास हो गये,
आम से उठकर अचानक मशहूर अहल-ए-जमाल हो गये।

तुम्हारे रंग बदले तो फ़ितरत भी बदल गई,
शोहरत मिली ज़रा तो तेवर भी कमाल हो गये।

हमने भी हाँ में हाँ मिलाई, सब्र कर लिया,
हम भी क्या थे और देखो क्या से क्या हाल हो गये।

किसी अपने ने ही धोखा दिया, तो टूटा दिल,
अपनों से दूर होकर भी ग़ैरों के सवाल हो गये।

इल्म सबको है कि किसने बदली अपनी फ़ितरत,
और किसके रंग अचानक बदलकर बेहाल हो गये।

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