उत्सव की पीड़ा
दूर्गा पूजन में
वृद्धाश्रम के पास
एक पांडाल में
जोर जोर से बज रहा था
एक गीत
‘बेटा के घरे कब अइबू ये माई’
किंतु यह गीत
शायद नहीं था
उस माँ के लिए
जिसके जिवंत कानों तक
पहुँच रही थी यह आवाज
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 25/09/2025
दूर्गा पूजन में
वृद्धाश्रम के पास
एक पांडाल में
जोर जोर से बज रहा था
एक गीत
‘बेटा के घरे कब अइबू ये माई’
किंतु यह गीत
शायद नहीं था
उस माँ के लिए
जिसके जिवंत कानों तक
पहुँच रही थी यह आवाज
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 25/09/2025