आदि कवि विद्यापति नाई।
आदि कवि विद्यापति नाई।
जोतिश्वर कृत वर्णरत्नाकर मे विदापत नाच के चर्चा हय।इहो कि १४वी शताब्दी के दरबारी कवि विद्यापति से पहिले विद्यापति भेल रहय। साहित्यकार आ इ विदेह के संपादक गजेन्द्र ठाकुर पूर्व विद्यापति के नाई महेश ठाकुर के पुत्र बतबैत हतन।पं शशिनाथ झा जी सेहो बतैलन कि@ १२००ई मे विद्यापति भेल रहय।वो हुनका खौआल वंशज बतबैत हतन। हालांकि पूर्व विदापत नाच करैत रहय।नाच निम्न वर्गीय लोग करैत हतन।बाभन के नाच के परम्परा न हय। सिद्ध होइ हय कि पूर्व विद्यापति नाई रहत। एगो गंभीर तथ्य इ कि वो खौआल वंश के रहे कि नौआल वंश के एगो गंभीर विषय हय।कारण पं शशिनाथ झा अप्पन संपादन मे डाक के एगो कहावत में रावन के बदल के बाभन क देले छतन।पं भवनाथ झा एकर विरोध कैल हतन। डाक बचन हय – डाक कहय सुनह राबन।केरा रोपि आषाढ सावन।
सिद्ध होइ पूर्व विद्यापति नाई रहलन।
-आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।