वास्तविक हॉरर कहानी
मेरी पत्नी अपनी माँ के पास रहने गई थी और मैं घर पर एक दोस्त के साथ पार्टी कर रहा था और बिग स्क्रीन टीवी पर कंज्यूरिंग हॉरर फ़िल्म देख रहा था। रात के 2 बजे थे तभी दरवाजे की घंटी अचानक से बजी और लगातार ऐसे बजने लगी मानो घंटी ने गाँजे का नशा कर लिया हो। डोरवैल को इसतरह बजता देख मैं घबरा गया और डरपोक चूहे की भाँति अपने दोस्त की तरफ देखने लगा। लेकिन मेरा दोस्त शेर दिल इंसान था जो भूत-प्रेत में विश्वास नहीं करता था केवल रोमांच के लिए ही हॉरर फिल्म देखता था। मेरा डरा हुआ चेहरा देखकर वह जोर से ताली मारकर हँसा और मुझे, “फट्टू…” कहते हुए सोफे पर से ऐसे खड़ा हो गया जैसे WWE रिंग में ‘द ग्रेट खली’, ‘जोनसीन’ को देखकर व्यंगात्मक मुस्कान में खड़ा हो जाता है। वह गाली देते हुए दरवाजे की तरफ दौड़ा और वहाँ पहुँचकर जोर से चिल्लाया, “कौन सी चुड़ैल को रात में खुजली हो रही है, आजा मैं तुम्हारी खुजली मिटा दूँ!” वह यह कहते हुए ऐसे दहाड़ा कि रात के 2 बजे का सन्नाटा ऐसे गायब हो गया जैसे दूध में पानी गायब हो जाता है। तभी दरवाजे के बाहर से एक भयानक आवाज़ आई, “लाइट जलाओ और दरवाजा खोलो..!” आवाज़ की भयावहता को समझते हुए उसने जल्दी से बाहर की लाइट जला दी और लकड़ी का दरवाजा खोल दिया किंतु जाली वाला दरवाजा वैसे ही लगा रहा। लाइट जलते ही दरवाजे के बाहर फैला अंधेरा रोशनी के पीछे छिप गया और बाहर की सभी चीजें दिखने लगी। उसने इसी रोशनी में डर और उत्सुकता से बाहर देखा तो दरवाजे के पास इंसानी कद का कोई खड़ा हुआ था, जिसे देख वह पहले तो सिहर गया और डरी हुई आवाज में पूछा, “कौन है…?” उसके प्रश्न का जबाव आता उससे पहले ही उसकी नशे में धुत्त चेतना ऐसे जाग उठी, जैसे पानी में डूबकर बेहोश हुए आदमी की साँसे अचानक वापस आ गई हों। बाहर का नज़ारा देखकर उसकी ज़बान कब्र में दबी लाश की तरह गले में धँस गई। उसके पैर डर से ऐसे काँपने लगे, जैसे बुखार से पीड़ित व्यक्ति कांप रहा हो। उसकी यह हालत देखकर मैं सन्न रह गया। तभी मेरे मोबाइल की घंटी जोरों से बजने लगी, जिससे मेरे अंदर डर की एक सिहरन दौड़ गई और मैं सिहर उठा। मैंने देखा कि मेरे दूसरे दोस्त का वीडियो कॉल मोबाइल पर आ रहा था। वीडियो कॉल पर उसकी तस्वीर देखकर पार्टी की मस्ती में खोई मेरी चेतना जाग उठी और मुझे वह याद आ गया जो मैं भूल चुका था। मैंने अपना फ़ोन उठाया और देखा कि मैंने उसके व्हाट्सएप चैट पर अपनी पार्टी और मस्ती की तस्वीरें भेजी थीं उसे चिढ़ाने के लिए। यह देखते ही मेरे जेहन में उसकी शरारतों की पुरानी घटनाएं उसैन बोल्ट की तरह दौड़ने लगी जिससे उत्पन्न एक भयानक डर ने मुझे ऐसे जकड़ लिया जैसे अजगर ने किसी खरगोश को अपने अंदर जकड़ लिया हो। अब वही डर फॉर्मूला वन रेसिंग कार की स्पीड से मेरे पूरे शरीर में सिर से लेकर पैर तक ऐसे दौड़ने लगा जैसे रेसिंग कार अपने सर्किट का चक्कर लगा रही हो। इसी डर में, मैं जल्दी से दरवाज़े की तरफ़ दौड़ा और बाहर देखा कि, “कहीं वही तो नहीं हो गया?” दरवाजे पर पहुँचकर मैंने जैसे ही बाहर देखा वैसे ही मेरी आँखें चौड़ी हो गईं मानो घास खा रहे हिरण के सामने अचानक कोई खूंखार शेर आकर खड़ा हो गया हो। यह डर इतना ज्यादा था कि मैं मदद के लिए एक चीख भी नहीं निकाल सका और मेरा दोस्त तो पहले से ही सन्न खड़ा था। तभी मैंने उसकी तरफ देखा और उसने मेरी तरफ देखा। मैंने उसकी तरफ सहमते हुए देखा किंतु उसने मेरी तरफ गुस्से से ऐसे देखा जैसे कि उसकी आँखों में ज्वालामुखी का लावा समा गया हो। मैंने डरते हुए उसकी आँखों में देखा तो मुझे ऐसा लगा कि उसकी आँखों में से एक सवाल ऐसे निकल रहा था जैसे अर्जुन ने गुस्से में ब्रह्मास्त्र चला दिया हो। मैं उसका ये सवाल बर्दाश्त नहीं कर सका और उनके पैरों में गिर पड़ा और बोला कि मैंने नहीं बताया, जरूर उसी ने बताया है, मैंने तो बस उसे अपनी पार्टी की फ़ोटो सेंड की थी। मुझे क्या पता कि वह उस फ़ोटो को मेरी बीबी को ही सेंड कर देगा और ये रात के दो बजे यहाँ चली आएगी। मेरा दोस्त गुस्से में दबे हुए होठों से बोला, “कुत्ते मैंने तुझसे मना की थी कि तू इसकी बहिन से शादी मत कर, मगर तू तो मजनू हो गया था”! अब संभाल तू इन दोनों कमीनों को, अपनी बीबी और साले को…
Prashant Solanki.