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18 Sep 2025 · 1 min read

दोहा:- समीर

दोहा:- समीर

अंगारों पर बैठकर, करता सैर समीर।
धूप बावली हो रही, नित्य छोड़ती तीर॥

©दिनेश कुशभुवनपुरी

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