दोहा:- अहंकार
दोहा:- अहंकार
अहंकार के वृक्ष पर, बैठा मन का गिद्ध।
लाचारी में हंस है, कौआ बनता सिद्ध॥
©दिनेश कुशभुवनपुरी
दोहा:- अहंकार
अहंकार के वृक्ष पर, बैठा मन का गिद्ध।
लाचारी में हंस है, कौआ बनता सिद्ध॥
©दिनेश कुशभुवनपुरी