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16 Sep 2025 · 1 min read

मुक्तक:- मृत्यु और जीवन

मुक्तक:- मृत्यु और जीवन

मृत्यु निरंतर झूम रही है।
नित जीवन को चूम रही है।
बोझिल और विनाशी काया।
सांसों खातिर घूम रही है॥

©दिनेश कुशभुवनपुरी

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