“हिंदी भाषा नहीं, हमारी साँसों की सरगम है। ✨
“हिंदी भाषा नहीं, हमारी साँसों की सरगम है। ✨
नीतियों ने बाँधा, नियमों ने सँवारा,
पर प्रेम ने इसे अमर बनाया।
यह आवाज़ है हमारे संघर्षों की, हमारे सपनों की—
और हमारे दिलों की धड़कन की।
आओ, इस हिंदी दिवस पर,
अपनी ही ज़ुबान को प्यार से गले लगाएँ।