मुक्तक
मुक्तक
दुख में भी यूँ हँसे हम खुशी जोड़ ली
वक़्त के साथ हर राह ही मोड़ ली
ज़िंदगी कर रहे हैं गुजर इस तरह
धूप या चाँदनी जो मिली ओढ़ ली
डॉ.अर्चना गुप्ता
मुक्तक
दुख में भी यूँ हँसे हम खुशी जोड़ ली
वक़्त के साथ हर राह ही मोड़ ली
ज़िंदगी कर रहे हैं गुजर इस तरह
धूप या चाँदनी जो मिली ओढ़ ली
डॉ.अर्चना गुप्ता