Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Aug 2025 · 1 min read

*आजादी अर्थात कर्तव्य*

लेखक – डॉ अरुण कुमार शास्त्री , पूर्व निदेशक आयुष, दिल्ली
स्थान – दिल्ली
विषय – स्वतंत्रता दिवस
शीर्षक – आजादी अर्थात कर्तव्य

कर्तव्य निभाना है ,आजादी का असली ,
मतलब भी सबको समझाना है।
हाँ हाँ कर्तव्य निभाना है।
दुनिया भर की आँखें ,
भारत को देख रहीं ,
इसकी प्रगति से जल कर,
ख़ुद को कोस रहीं।
दुनिया भर की आँखें ,
भारत को देख रहीं ,
इसकी प्रगति से जल कर,
ख़ुद को कोस रहीं।
लेकिन इनका अर्थ स्पष्ट ,
नहीं रूक जाना है ,
दुश्मन को हमने सबक सिखाना हैं।
कर्तव्य निभाना है ,आजादी का ,
असली मतलब भी सबको समझाना है।
हाँ हाँ कर्तव्य निभाना है।
कर में हमारे राष्ट्र ध्वज ,
मन में उर्जित श्वास ,
कर में हमारे राष्ट्र ध्वज ,
मन में उर्जित श्वास ,
दृष्टि हो एकाग्रित और पूरा आत्म विश्वास ,
मंजिल तक हर भारत वासी को पहुँचाना हैं।
नहीं रुक जाना है ,
कठिन मार्ग है , कंटक वाली
और पथरीली भी , पल – पल पग को घायल करने वाली।
लेकिन हिम्मत से सबको
आगे बढ़ते जाना है , नहीं घबराना है , नहीं रुक जाना है।
कर्तव्य निभाना है ,आजादी का असली ,
मतलब भी सबको समझाना है।
हाँ हाँ कर्तव्य निभाना है।
भारत माता के पुत्र सभी हम नर भी और नारायण भी।
इसकी आधी आबादी , भारत की ललनाएं। वक्त पड़े तो सबको
रणचण्डी बन जाना हैं , हां हां , रणचण्डी बन जाना हैं.
कर्तव्य निभाना है ,आजादी का असली ,
मतलब भी सबको समझाना है।
हाँ हाँ कर्तव्य निभाना है।

Loading...