कितनी ही द्रौपदी हैं जिनके
कितनी ही द्रौपदी हैं जिनके
होते हैं चीर हरण हर दिन
क्या एक द्रौपदी ही थी जिसकी
रक्षा करनी थी तुमको,
आओ..आकर लाज बचाओ
अब तुम ही हर नारी का,
यह पक्षपात… यह भेदभाव
शोभा देता है क्या तुमको???
कितनी ही द्रौपदी हैं जिनके
होते हैं चीर हरण हर दिन
क्या एक द्रौपदी ही थी जिसकी
रक्षा करनी थी तुमको,
आओ..आकर लाज बचाओ
अब तुम ही हर नारी का,
यह पक्षपात… यह भेदभाव
शोभा देता है क्या तुमको???