कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
तेरी बंसी मुझे पुकारे
जीवन नैया पार लगाओ,
दीन जनों के तुम हो सहारे।।
कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
गोकुल में तुम रास रचाओ।
मुरली वाले रस बरसाओ,
मोहन सबके मन बस जाओ
तुम सब की आंखों के तारे।।
कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
श्याम तेरी छवि मन हर लेती,
हर भटके को राह दिखाती।
जब भी तेरा नाम पुकारा,
दूर हुए सबके दुख सारे।।
कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
कान्हा सबके कष्ट मिटा दो
कृपा की तुम ज्योति जला दो।
तन मन धन सब अर्पण तुम पर,
ओ मनमोहन कारे कारे।।
कृष्ण गोविंद हरे मुरारी