शरीर अगर थक कर चूर हो जाय
शरीर अगर थक कर चूर हो जाय
और राह में भी अंधकार घना होगा
पर दूर तक जाने की चाहत है अगर
तो रोशनी को खींच कर लाना होगा
पारस नाथ झा
शरीर अगर थक कर चूर हो जाय
और राह में भी अंधकार घना होगा
पर दूर तक जाने की चाहत है अगर
तो रोशनी को खींच कर लाना होगा
पारस नाथ झा