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24 Jul 2025 · 1 min read

आदत हमारी टोकने की थीं ,

आदत हमारी टोकने की थीं ,
उनकी हर गलतियों पर अपना समझ के ।
उनको नागवारा था हमारा टोकना ,
क्योंकि हम उनके अपनो में नही थे।
✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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