हमर भारत
जनम हमर अछि जेहि भूखंड,
अद्भुत रूप धरा ब्रह्माण्ड,
जकर कण कण स्नेहक ज्योति,
ओ थिक हिन्दुस्तान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे।
सौंसे धरणी के आनन चानन,
अलख जराबै जग में ज्ञानक,
देखि-देखि कऽ हर्षित भेला,
सऊं से भू विद्वान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे।
वन-पर्वत-निर्झर अति राजै,
सलिल- सनीर सन-सन सन बाजै,
कल-कल छल-छल जलधि गुंजै,
लागै कोकिल गान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे
दधिचि सन त्यागी नै देखलौं,
कर्ण वीर सन दानी नै देखलौं,
मात-पिता के पुत्र बनि कऽ,
श्रवण भेला महान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे।
गंगा यमुना चरण पखारै,
देव-मनुज सब वंदन गाबै,
विद्यापति गृह वेश बदलिकऽ,
दास भैला भगवान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे।
घासक रोटी नृप खेला,
साग खा कऽ विप्र रहला,
कनिको मुख नै मलिन भेलैन,
ओ थिक स्वाभिमान हे,
देश हमर अछि भारत जग में,
शत् शत् अहाॅं के प्रणाम हे।
उमा झा 🙏🏻🙏🏻🚩🚩