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12 Jul 2025 · 1 min read

जीवन का जीवन पर

जीवन का जीवन पर
तेरे ये उपकार हो ।
केवल सफलता ही नहीं
हार भी स्वीकार हो ।।
वाणी तेरी मीठी-मीठी
उच्य तेरे विचार हो।
मित्र बने शत्रु भी तेरे
ऐसा तेरा व्यवहार हो ।।
तेरी प्रतिष्ठा तेरा गौरव
जीवन का पर्याय हो, ।
जाग उठे आत्मा तेरी
ऐसी एक ललकार हो ।।
कर दूं तुझे आत्मा ही नहीं
हर श्वास समर्पित,
मेरा ‘तुझपर मेरे प्रिय
इतना तो अधिकार हो ।”

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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