मुक्तक _
मुक्तक _
गरीबी से , उभरने का था मौक़ा,
मगर पाया, जो था मरने का मौक़ा,
किसे समझाए अब ,साँसे नहीं है ,
अमीरी का मिला हमको ना मौक़ा।
✍️नील रूहानी…
मुक्तक _
गरीबी से , उभरने का था मौक़ा,
मगर पाया, जो था मरने का मौक़ा,
किसे समझाए अब ,साँसे नहीं है ,
अमीरी का मिला हमको ना मौक़ा।
✍️नील रूहानी…