थोड़ा वक्त जरूरी है
इजहारे मोहब्बत करने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
प्यार का पहला खत लिखने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
खुले गगन में ऊची उड़ान, हर किसी की चाहत है।
नए परिंदे को उड़ने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
जिस्म की बात न थी, हमको उनके दिल तक जाना था।
लम्बी दूरी तय करने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
गाँठ अगर लग जाए डोरी या अपनों के रिश्तों में,
इन उलझें को सुलझाने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
ज़ख्म दिया जिसने दिल पर, मरहम उसने ही दिया।
इन ज़ख़्मों को भरने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
उनकी नफरतों से ही है जहां में शोहरत हमारी,
यह बात उस तक पहुंचने में, थोड़ा वक्त जरूरी है।
किस्मत के भरोसे न बैठ “रवि ” मेहनत तू किए जा
मेहनत का फल मिलने में थोड़ा वक्त जरूरी है।
©® कवि रवि बलसारा, देवघर, झारखण्ड