तुम्हारे संग जमाने की हवा है,
तुम्हारे संग जमाने की हवा है,
हमारे साथ भी अदना दिया है।
डराओ ना हमें तुम संग से अब,
अजी आशिक ने सर आगे किया है।
याजीदों के शहर में घर बसाकर
मेरा दिल कर्बला सा कर दिया है।
तरक्की तुमको दफ्तर की मुबारक
अना का हमने कब सौदा किया है।
तुम्हारे ख्वाब में हों ग़ज़ल नगमें
हमारे ख्वाब में तो मर्सिया है ।
तुम गए वज़न भी जाता रहा है ,
ग़ज़ल में बस रदीफ़ ओ काफ़िया है ।