Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Jun 2025 · 1 min read

*विमान-दुर्घटना में बचे एकमात्र भाग्यशाली रमेश विश्वास (कुंड

विमान-दुर्घटना में बचे एकमात्र भाग्यशाली रमेश विश्वास (कुंडलिया)
______________________
एक अकेला धन्य है, श्री रमेश विश्वास
वायुयान था गिर रहा, छोड़ी मगर न आस
छोड़ी मगर न आस, धैर्य से बाहर आया
परम वीरता खेल, साहसी ने दिखलाया
कहते रवि कविराय, देह मिट्टी का ढेला
भाग्यवान वह किंतु, बचा बस एक अकेला
______________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
________________________
नोट : दिनांक 12 जून 2025 को अहमदाबाद में वायुयान दुर्घटना में सवार 242 यात्रियों में से एकमात्र यात्री रमेश विश्वास ही जीवित बचे। उनके साहस और अच्छे भाग्य को प्रणाम।

Loading...