इतना प्रेम कहा से आ रहा है यार
इतना प्रेम कहा से आ रहा है यार
जब ग्रुप में पढ़ता हु अगर इतना प्रेम वास्तविक जीवन में इंसान ओर समाज के होता तो आज समाज के उदाहरण होता प्रेम सुरकृत और सुरक्षित मानवीय सभ्यता का।
पर शायद प्रेम रिश्ते परिवार सब कविता शायरी में गहरे मजबूत ओर निष्ठावान लिखे जाते है दिखाए जाते है।
वास्तविकता में तो नाश हो रखा है रिश्ते का,सस्ता हो रखा है प्रेम , शादियों में तलाक हो रहे है और परिवार में तमाशे ओर बंटवारे हो रहे है।
ये शायरियां कविताएं ऐसे बताती है जैसे सब शुद्ध ओर पाक है इंसान की नियत ओर फितरत में।
काल्पनिक दुनिया में प्रेम परिवार रिश्ते ओर इंसानियत है । वास्तविक दुनिया में
तो नंगा पन ओर स्वार्थ है ।इन सब के अंदर।