राम आपको बनना होगा..
छोड़ के वैभव राजभवन का पति संग वनपथ चुनना होगा,
परिवार में रहकर तुमको कटु वचन भी सुनना होगा,
पतिपरमेश्वर है भान रहे यह विस्मृत ना तुम करो प्रिये
संस्कार का ताज धरे सिर मौन अधर सब सहना होगा,
पत्नी हो तुम पत्नी की मर्यादा में तुम्हें रहना होगा….
मुझे धन वैभव का लोभ नही मै वनपथ को भी चुन लूँगी,
परिवार ये मेरा अपना है मै कटु वचन भी सुन लूँगी,
पतिपरमेश्वर होता है ये तो धर्म शास्त्र सब कहते है
लेकिन स्वामी मुझको भी मेरे हक़ में कुछ कहना होगा,
मै वैदेही तो बन जाऊँ पर राम आपको बनना होगा
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