तेरी मुस्कान भोर की पहली किरण सी,
तेरी मुस्कान भोर की पहली किरण सी,
स्पर्श तेरा जैसे पंखुड़ी पर ओस हो।
तुझे देखते ही रुक जाता है वक्त सारा,
प्रेम तेरा मेरी हर सांस की खोज़ हो।
©® डा० निधि श्रीवास्तव “सरोद”
तेरी मुस्कान भोर की पहली किरण सी,
स्पर्श तेरा जैसे पंखुड़ी पर ओस हो।
तुझे देखते ही रुक जाता है वक्त सारा,
प्रेम तेरा मेरी हर सांस की खोज़ हो।
©® डा० निधि श्रीवास्तव “सरोद”