करेंगे अब न तुझसे शांति का संवाद जेहादी।
करेंगे अब न तुझसे शांति का संवाद जेहादी।
तू छोड़ेगा न जब तक बेवजह जेहाद जेहादी।।
बचा सकता नहीं कोई खुदा भी चाहकर तुझको।
तेरी तकदीर में होना लिखा बर्बाद जेहादी।।
“कश्यप”