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28 May 2025 · 1 min read

मुक्तक .....

मुक्तक …..
निगाहें चार करना तुम, न दिल बेकार करना तुम,
ज़माना लाख समझाए , खुदी से प्यार करना तुम,
वफ़ा भी खो गई , पहले के जैसी बे – वफ़ाओं में,
लगी हो आग दिल में नील ,मत इज़हार करना तुम।
✍️नील रूहानी 💖

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