मुक्तक .....
मुक्तक …..
निगाहें चार करना तुम, न दिल बेकार करना तुम,
ज़माना लाख समझाए , खुदी से प्यार करना तुम,
वफ़ा भी खो गई , पहले के जैसी बे – वफ़ाओं में,
लगी हो आग दिल में नील ,मत इज़हार करना तुम।
✍️नील रूहानी 💖
मुक्तक …..
निगाहें चार करना तुम, न दिल बेकार करना तुम,
ज़माना लाख समझाए , खुदी से प्यार करना तुम,
वफ़ा भी खो गई , पहले के जैसी बे – वफ़ाओं में,
लगी हो आग दिल में नील ,मत इज़हार करना तुम।
✍️नील रूहानी 💖