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26 May 2025 · 1 min read

अधिक हठी बनकर मनुज, तजता उचित विचार।

अधिक हठी बनकर मनुज, तजता उचित विचार।
प्रेम भाव को भूलकर,करता कटु व्यवहार।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

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