नईं पीढ़ी की नव सोच
आज नई पीढ़ी करे,प्रतिदिन नवल विकास।
चाँद भ्रमण तो कर लिया,बसने की है आस।।
आज नई पीढ़ी करे,तकनीकी में बात।
ए आई की खोज है,बिल्कुल नव सौगात।।
आज नई पीढ़ी खड़ी,परिवर्तन के द्वार।
संस्कृति अपनी खो रही,फैशन कर स्वीकार।।
आज नई पीढ़ी कहे,बदला भारत वर्ष।
देख मिशन सिंदूर को,करे बहुत ही हर्ष।।
शक्ति नई पीढ़ी बढ़ी,पाकर उत्तम ज्ञान।
दुनिया माने सत्य यह,करे उचित सम्मान।।
ज्ञान नई पीढ़ी बढ़ा,पा तकनीकी हाथ।
अगर प्रश्न अतिशय कठिन, गूगल देता साथ।।
ओम नई पीढ़ी रचे,नित्य नवल आयाम।
हिन्द-पाक के युद्ध में, आए जो बहु काम।।
आज नई पीढ़ी कहे,रक्षित हो अधिकार।
भेद-भाव जिसने किया,होगा बंटाधार।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी, कानपुर नगर