चाय - चौपाई छंद
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस – चौपाई छंद
चाय बनी पहचान हमारी।
पीते इसको है नर-नारी।
तरह-तरह की ढेरों सारी।
रूप लगे हैं न्यारी- न्यारी।।
हर मौसम में पीते इसको।
अलग-अलग स्वादों में जिसको।
कोई मना करे भी किसको।
कहिए सदा पर्याय उसको।।
उत्पादन बढ़ता भी जाए।
श्रमिकों को संरक्षण भाए।
व्यापार कुशलता भी आए।
दिवस मना जागृति फैलाए।।
चौपालें हैं इससे सजती।
रिश्तें भी इससे है जँचती।
बातें इससे पकती पचती।
कभी यह इतिहास भी रचती।।
पाठक को यह हरपल भाता।
सादर कोई हमें पिलाता।
तन में ताजगी है जगाता।
चेहरे पर मुस्कान लाता।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978