कोई भी रिश्ता हो अगर झगडा ज्यादा बढ़ जाए। एक छत के नीचे रहना
कोई भी रिश्ता हो अगर झगडा ज्यादा बढ़ जाए। एक छत के नीचे रहना असम्भव हो जाए। तो रिश्ते को तोड़ो मत। कुछ दिन अलग रह कर देखो। अलग रहने पर एक दूसरे की अहमियत पता चले तो फिर से साथ रहने लग जाओ। वरना प्रेम से बिना कटु वचन बोले अपने रास्ते अलग कर लो। ये जिंदगी एक सफर है। और हम सब मुसाफिर हैं। फिर से आमना सामना हो तो मुस्करा कर मिलने मे किसी के दिल पर कोई बोझ ना रहे।