जालिमों की मुजरिमों की ढाल हुआ करता था
जालिमों की मुजरिमों की ढाल हुआ करता था
जेबों में कमीशन का माल वाल हुआ करता था
आज जो मुहल्ले में इज्जतदार बना फिरता है
पहले कभी वो थाने का दलाल हुआ करता था
मारूफ आलम
जालिमों की मुजरिमों की ढाल हुआ करता था
जेबों में कमीशन का माल वाल हुआ करता था
आज जो मुहल्ले में इज्जतदार बना फिरता है
पहले कभी वो थाने का दलाल हुआ करता था
मारूफ आलम