समाज को अपनी बपौती समझने वालों को समझ में आना चाहिए कि बदलते
समाज को अपनी बपौती समझने वालों को समझ में आना चाहिए कि बदलते दौर में कोई सदस्य समाज का नहीं, समाज सदस्य का मोहताज़ है।
😞प्रणय प्रभात😞
समाज को अपनी बपौती समझने वालों को समझ में आना चाहिए कि बदलते दौर में कोई सदस्य समाज का नहीं, समाज सदस्य का मोहताज़ है।
😞प्रणय प्रभात😞