"बेटी की विदाई "
“बेटी की विदाई ”
जाना था घर छोड़ के उसको एक दिन ,
पता था पिता को ये बात पहले से।
संभाल न पाए फिर भी ,
बहते आंसू अपने आंखों से ।
दर्द कुछ ऐसा था दूर होने का बेटी से ।।1।।
आंखों से वह बात कह गई
जो जुबां से न कह सकी
दर्द कुछ ऐसा बता गई
जिसको समझने में पूरी उम्र निकल गई ।।2।।
………….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी