*फोटुओं में लोग केवल रह गए (हिंदी गजल)*
फोटुओं में लोग केवल रह गए (हिंदी गजल)
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1)
देह नश्वर है गुणीजन कह गए
फोटुओं में लोग केवल रह गए
2)
यह बुजुर्गों का बड़ा ही धैर्य था
बदतमीजी बालकों की सह गए
3)
काम निकला और सारे मतलबी
दुम दबाकर यह गए लो वह गए
4)
बस गले मिलने की केवल देर थी
मैल सारे ऑंसुओं में बह गए
5)
इसलिए यात्रा बड़ी अच्छी रही
साथियों में कुछ बहुत सहृदय गए
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451