ख़ामोश आँखें

ख़ामोश आँखें
जुबां ख़ामोश
ख़ामोश मैं
ख़ामोश तुम
अंतस में मचता तीखा शोर
बोलती नजरें
तेज़ी से चलती साँसे
उलझती डोर, अनगिनत बातेँ
कहने और सुनने को
और गहरा मौन
हिमांशु Kulshrestha
ख़ामोश आँखें
जुबां ख़ामोश
ख़ामोश मैं
ख़ामोश तुम
अंतस में मचता तीखा शोर
बोलती नजरें
तेज़ी से चलती साँसे
उलझती डोर, अनगिनत बातेँ
कहने और सुनने को
और गहरा मौन
हिमांशु Kulshrestha