खामोशी में तेरी औकात छिपा रखे हैं,

खामोशी में तेरी औकात छिपा रखे हैं,
अनकही -सी गहरी बात छिपा रखे हैं
अदब कीजिए मेरे खामोश लबों की
वर्षों से ज़ेहन के हालात छिपा रखे हैं
खामोशी में तेरी औकात छिपा रखे हैं,
अनकही -सी गहरी बात छिपा रखे हैं
अदब कीजिए मेरे खामोश लबों की
वर्षों से ज़ेहन के हालात छिपा रखे हैं