हिंदी दोहे – विमान

हिंदी दोहे – -विमान
था विमान पुष्पक सुना,मालिक रहा कुबेर।
छीना रावण ने उसे,#राना कर अंधेर।।
देव विश्वकर्मा सुनो,निर्मित किया विमान।
ब्रम्हा जी को भेंट कर,#राना बने महान।।
ब्रम्हा जी के पास में,आए देव कुबेर।
तब विमान पुष्पक उन्हें,#राना देते हेर।।
आकृति #राना मोर-सी,पुष्पक रहा विमान।
अग्नि वायु के तेज से,उड़ता रहा जहान।।
रावण जब मारा गया,#राना आया काम।
ले विमान पुष्पक उड़े,अवधपुरी को राम।।
*** दिनांक -8-4-2025
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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