अब मुझे कुछ नया करना है
अब मुझे कुछ नया लिखना है,
किसी को ग़म न दिख जाएं चेहरे पर इसलिए आज कल से थोड़ा बेहतर दिखना है।
भूल से भी किसी को तकलीफ ना दें,
इसलिए कभी कभी बेवजह झुकना है।
दिल का दर्द जुबां पे ना आ जाए
इसलिए रोज़ अंदर ही अंदर थोड़ा थोड़ा घुटना है।
जो सपने न हासिल हो सके,
उनको याद करके रोज़ थोड़ा थोड़ा मिटना है।
ये तन्हाई पसंद ना आने लगे कहीं मुझे,
इसलिए बेगानो के साथ भी चलना है।