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27 Mar 2025 · 1 min read

मुबारक हो सबको , ये रमज़ान रोज़ा

आदाब दोस्तों 🌹🥰
दिनांक,, 26/03/2025,,,
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ग़ज़ल
मुबारक हो सबको , ये रमज़ान रोज़ा,
सभी के दिलों का ,है अरमान रोज़ा।

मिटाता गुनाहों को , हर बार आकर ,
भलाई का बनता है दरबान रोज़ा ।

खुशी इस के आने की बेहद सभी को ,
यही मगफिरत का है सामान रोज़ा ।

जहाँ भर की बरकत ,सभी के घरों में ,
बनाता है इंसां , को इंसान रोज़ा ।

गरीबी अमीरी का , मतलब न कोई ,
सभी के घरों का है मेहमान रोज़ा ।

शफक्कत दिला दे , मुकद्दर बना दे ,
है बंदों पे रब के , ये कुर्बान रोज़ा ।

यूं सब खूबसूरत , जहाँ जानता ये ,
है अफ़ज़ल महीनों में जीशान रोज़ा ।

उठो “नील” पढ़ लो , नमाज़ें मुहब्बत ,
खुदा का है मेरे , ये फ़रमान रोज़ा ।

✍️ नील रूहानी,,,,27/03/25

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