जय श्री राम
चोरी और सीना जोरी, देखो कितने नमक हरामी है !
अब मार दो उन कुत्तों को, जिनके खून में खराबी है !!
लूटे देश की लाज जो, वो दुशासन और दुराचारी है !
उठो ! चढ़ाओ प्रत्यंचा, देखो ये कितने अत्याचारी है !!
शर्मशार हो रहा पूरा भारत, असत्य सत्य पर भारी है !
नष्ट कर दो उन नस्लों को, जिन फसलों में खराबी है !!
• विशाल शुक्ल